कर्ज में डूबे सरपंचो से आखिर सीएम कब करेंगे भेंट मुलाकात!मूलभूत की राशि के लिए तरस रहे खैरागढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत



कर्ज में डूबे सरपंचो से आखिर सीएम कब करेंगे भेंट मुलाकात!

मूलभूत की राशि के लिए तरस रहे खैरागढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत

खैरागढ़- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ के हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर आमजनों की समस्या से रूबरू होकर तत्काल निराकरण करने के साथ- साथ अधिकारियों को समय सीमा में कार्य करने की नसीहत भी दे रहे हैं वही दूसरी ओर खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के खाते में जाते ही सीएम भूपेश बघेल ने खैरागढ़ -छुईखदान-गंडई को जिला बनाने के घोषणा तो कर दिया है लेकिन खैरागढ़ जनपद पंचायत क्षेत्र के 114 सरपंचो की पीड़ा को अभी तक नही सुलझा पाए हैं, आपको बता दें कि लगभग चार महीनों से 114 सरपंच पन्द्रहवें वित्त योजना के पेमेंट नही होने से सरपंचगण परेशान हो गए हैं वही दूसरी ओर मटेरियल सप्लायर अब सरपंचो के घर तक तगादा लेकर पहुच रहे हैं जिससे सरपंचो की हालात खराब हो गई है पिछले चार महीने से सरपंचो ने पत्र लिखकर जिला पंचायत सीईओ, कलेक्टर सहित राज्य स्तर तक के अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया है लेकिन अधिकारियों के सुस्त रवैये कहे या फिर खैरागढ़ क्षेत्र के सरपंचो का दुर्भाग्य कि अभी तक इनकी परेशानियों को दरकिनार करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के द्वारा अड़ियल रवैया अपनाते हुए सरपंचो को कर्ज में डूबने पर मजबूर कर दिया है गौरतलब है कि खैरागढ़ ग्रामीण बैंक के आईएफएससी कोड चेंज होने के बाद से ही ऑनलाइन पेमेंट नही होने से ग्राम पंचायतों के द्वारा कराए गए विभिन्न कार्यो के सम्बन्धित दुकानदारों को पेमेंट नही होने से दुकानदार अब सरपंचो को ब्याज सहित राशि के लिए घर तक पहुचकर तगादा कर रहे हैं जिससे सरपंचो की स्थिति दयनीय हो गई है सूत्रों की माने तो कई ग्राम पंचायतों में पांच लाख रुपये से लेकर पन्द्रह लाख रुपये तक के उधार में सामान लेकर कार्य कराया गया है लेकिन अब सरपंचो को कर्ज से उबारने में कोई भी साथ नही दे रहे जिससे यह भयावह स्थिति निर्मित हो गई है। सरपंच संघ के सदस्यों ने बताया कि मूलभूत योजना की सिर्फ एक ही किश्त ग्राम पंचायतों को मिली है उसके बाद दूसरी और तीसरी किश्त भी अभी तक नहीं आई है जिसके चलते गाव में मुरुम तक नहीं डाल रहे हैं बता दें कि ग्राम पंचायतों में केंद्र सरकार से मिलने वाले15वे वित्त योजना में भी कटौती के चलते ग्राम पंचायतों के विकास में कमी हुई है साथ ही ऑनलाइन पेमेंट नही होने से सरपंचो को दोहरी मार झेलना पड़ रहा है।

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