समाज सेवा के क्षेत्र में उभरता हुआ नाम है: गर्वित फाउंडेशन

 समाज सेवा के क्षेत्र में उभरता हुआ नाम है गर्वित फाउंडेशन



कोरोनावायरस के नाम से जब पुरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ था। लोग घर से निकलने में डर का अनुभव करते थे। 

ऐसे विपरीत परिस्थितियों में समाज कुछ लोग मानवता की सेवा के लिए अपनी जान का परवाह किए बिना लगातार लोगों के सहयोग और सहायक करने में लगे हुए थे।

ऐसे ही सभी संस्थाओं और लोगों को गर्वित फाउंडेशन छत्तीसगढ़, सम्मानित करने जा रहा है।


गर्वित फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री विजय लहरें ने बताया कि कोविड-19 के पहले दौर में उनकी संस्था ने ग्रामीण क्षेत्रों में फेस मास्क और सैनेटाईजर वितरण कर उसके उपयोग और कोरोनावायरस की रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान चलाया।


अध्यक्ष ने बताया कि फाउंडेशन के महासचिव श्री पुष्पेन्द्र कुमार गजेन्द्र जी के प्रयास से विभिन्न प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूरों को राशन सामग्री की व्यवस्था और घर वापस लाने हेतु प्रयास में सफलता प्राप्त की।


पलायन कर घर वापसी करने पैदल आने वाले मजदूरों हेतु भोजन व्यवस्था और आश्रय प्रदान करने का काम हमारी संस्था ने किया।


समय समय पर रक्तदान, देहदान, नेत्रदान जैसे विषयों पर जागरूकता अभियान और लगातार आवश्यकता अनुसार रक्तदान हमारे साथियों द्वारा किया जा रहा है।


श्री विजय ने बताया कि गर्वित फाउंडेशन वर्तमान कोरोना काल में अपने संगठन से जुड़े व्यक्तियों की सहयोग से लोगों की मदद कर रहे हैं। जिसमें लोगों को मेडिकल सुविधाएं, एम्बुलेंस व्यवस्था, ब्लड और प्लाज्मा की व्यवस्था कराना प्रमुख है।


अध्यक्ष ने लोगों से ऐसे समय में अधिक से अधिक संख्या में लोगों की मदद करने की अपील की है। यदि हम समवेत होकर सहयोग करें तो ऐसी कोई महामारी या आपदा नहीं है जिससे मानव जाति उबर ना सके।


गर्वित फाउंडेशन निस्वार्थ भाव से समाज सेवा में विगत कई वर्षो से कार्यरत हैं। उन्होंने ने समाज के सभी वर्गों से आर्थिक सहयोग हेतु डोनेशन करने की अपील की है जिससे समाज सेवा के कार्य में निरंतरता बनी रहे।


फाउंडेशन के मुख्य उद्देश्यों में पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण है हम शासन से अपील करते हैं कि प्रत्येक शासकीय भवनों, शालाओं, महाविद्यालयों, विश्व विद्यालयों, सभी शैक्षणिक संस्थानों में वृक्षारोपण अनिवार्य करें, उन रोपित वृक्षों की संरक्षण संवर्धन का कार्य छात्रों और शिक्षकों को प्रदान करना चाहिए।


हमारा प्रदेश कृषि प्रधान राज्य है। हमारे खेत खलिहान वृक्षों से आच्छादित रहा करते थे। जिससे पर्यावरण सन्तुलन में मदद मिलती थी।


शासन को चाहिए कि वे किसान भाइयों से अपील करें कि सभी किसान अपने खेतों खलिहानों में प्रति वर्ष 5 पेड़ अवश्य लगाएं। जिससे हमारे गांव हरियाली से परिपूर्ण रहें।

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