किसानों को दिया जाए पेट्रोल-डीज़ल, ताकि गांव जिंदा रहे और देश का पेट भरता रहे - विप्लव साहू
किसानों को दिया जाए पेट्रोल-डीज़ल, ताकि गांव जिंदा रहे और देश का पेट भरता रहे - विप्लव साहू
खैरागढ़ - कोरोना काल में जब समूचा शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो गया है, मौतों की बाढ़ आ गई है, अर्थव्यवस्था और कमाई ठप्प हो गई है, सिर्फ किसान और गांव ही जिंदा बचा हुआ है जो देश का पेट भरता हुआ, अपनी उत्पादक शक्तियों के अर्थव्यवस्था को काफी ताकत प्रदान कर रहा है, गावों के किसानों को पेट्रोल पंम्पो से तत्काल डीजल प्रदान किये जाने की आवश्यकता है.
जिला पंचायत सदस्य और सहकारिता और उद्योग समिति के सभापति विप्लव साहू ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि प्रदेश सहित पूरा देश लगभग बन्द की स्थिति में पहुंच गया है और वर्तमान सरकारों के निर्मम और अदूरदर्शिता पूर्ण कदमों से कोरोना ऐसे में कृषि व्यवस्था का अविलंब संचालन जरूरी है.
किसान कमाता है तभी देश खाता है-
देश मे जब पिछले साल के लॉकडाउन में तमाम फैक्ट्रीज, ऑटोमोबाइल सेक्टर, आदि सभी क्षेत्रों के उत्पादन बन्द हो गए थे, सिर्फ खेती ही चलता रहा, और आज भी उसी स्थिति के साथ जब सारी दुनिया मे भारत सबसे अधिक बेहाल और कोरोना की गिरफ्त में है, इसके कहर से जल्दी राहत मिलने के कोई आसार नही दिख रहे हैं, मँहगाई आसमान छू रही है जिसका और बढ़ना तय ही है. इसलिए खेती व्यवस्था को गतिमान बनाये रखने के लिए किसानों को पेट्रोल डीजल को जरूरी पदार्थ मानकर, उपलब्धता सुनिश्चित कराना अत्यंत महत्वपूर्ण और जरूरी है. जिले के साथ प्रदेश भर में 15 से अधिक दिनों से लॉकडाउन है, किसानों को पेट्रोल नही दिया जा रहा है, जिससे उत्पादन और सत्र की खेती बुरी तरह प्रभावित हो रही है. जबकि सब्जी और अन्य फसलीय उत्पादों की जरूरत तो हर हाल में है. कोविड सेंटर में भर्ती, घरों में आइसोलेटेड मरीज और अन्य बीमारियों से ग्रस्त और आम जीवन जीने वाले, ग्रामीण-शहरी, अमीर-गरीब सबको ताजे फल, सब्जी और अन्य उत्पादों की रोज और सख्त जरूरत रहती है. सरकार और प्रशासन को चाहिए कि इस दिशा में संवेदनशीलता और जागरूकता दिखाते हुए तत्काल निर्णय लिया जाये. क्षेत्र और जिले के दर्जनों किसान लगातार संपर्क करते हुए पेट्रोल पंपों से बाध्यता हटाने की मांग कर रहे हैं.
पीछे जाने की कोई गुंजाइश नही -
तमाम त्रासदी, बदहाल व्यवस्था और लगातार हो रही मौतों के बाद भी यह तयशुदा बात है कि जिंदगी आगे की तरफ ही जाती है. आनन-फानन से भ्रम के हालात पैदा होते हैं, सबकी निर्णय क्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है. इसलिए अधिक जानकारी, सक्षमता के साथ दूरदर्शितापूर्ण निर्णय लेना बहुत जरूरी है.
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