छुईखदान में नए कृषि कानून पर बरसे किसान
गत 8 जनवरी शनिवार को जिला किसान संघ के आहवान पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कानून एमएसपी, कॉंटेक्ट फार्मिंग, वस्तु भंडारण अधिनियम जो अप्रत्यक्ष रूप से खेती के औधोगिकीकरण को लेकर हैं, वह किसानों के हित में नही है, निजीकरण को बढ़ावा देता है. उद्योगपतियों को पोषित करने वाला है तथा महंगाई को बढ़ाने वाला है. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग खेती से किसान गुलाम ही बनेंगे. सूरत मुंबई गुजरात के लिए मजदूर पैदा होंगे, इसके अतिरिक्त किसानों का भला होने का दावा पूरी तरह फर्जी है जो किसानों में सिर्फ भ्रम पैदा करने वाले हैं.
जिला पंचायत सभापति विप्लव साहू ने कहा कि किसानों के उत्पादन को दाम को पानी के भाव मे लेकर कपड़ा, तेल, दलहन, तिलहन और बाकी उत्पाद लोहा सीमेंट आदि में कंपनियों ने सांठ-गाठ करके कीमत को आसमान पर पहुंचा दिया है. शेखू वर्मा ने कहा कि उठो, जागो और संघर्ष करो आपकी लड़ाई कोई लड़ने नही आएगा. पढ़े लिखे लोग सक्षम होकर समाज और किसान की तरफ पलटकर भी नही देखते. और सरकार अपने वादे के मुताबिक फसल के दाम को दुगुना करने हेतु कमेटी की रिपोर्ट को पूर्णतः लागू करे. शिवनंदन दशरिया ने कहा कि केंद्र सरकार का हर कानून किसान और मजदूर विरोधी है. फत्तू साहू ने कहा कि देश मे पेट भरने वाले किसानों को आतंकवादी कहना सबसे बड़ा आतंकवाद है. गैंद सिंह जगत ने कहा कि हर सरकार और हर व्यवस्था में गांव और किसान का शोषण होता रहा है, इसका जीवंत चित्रण मदर इंडिया में सटीक है. डॉ धरम राज ताम्रकार ने कहा कि अन्नदाता आज देश के दिल मे बैठा भूखा मर रहा है, जिले में हमेशा से किसानों का शोषण होता आया है. किसान आंदोलन का अगला पड़ाव और धरना कार्यक्रम साल्हेवारा और गंडई खंड में आयोजित किया जाएगा.
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