उपचुनाव से ठीक पहले भाजपा को लगा बड़ा झटका, हेमंत शर्मा कांग्रेस में शामिल
उपचुनाव से ठीक पहले भाजपा को लगा बड़ा झटका, हेमंत शर्मा कांग्रेस में शामिल
जनसंघ व भाजपा की राजनीति में 40 वर्षों तक सक्रिय रहे हैं श्री शर्मा
रमन सरकार में वर्षों तक उपेक्षित व निष्कासित भी थे हेमंत शर्मा
दो बार जिला पंचायत सदस्य व देवव्रत के खिलाफ लड़ चुके उपचुनाव
खैरागढ़. उपचुनाव में मतदान के लिये केवल सप्ताहभर का समय शेष रह गया है, सभी राजनीतिक पार्टियां उपचुनाव का चुनावी समर जीतने प्रचार-प्रसार में जुटी हुई है इस बीच भारतीय जनता पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है. भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार हेमंत शर्मा ने आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष बाजार अतरिया में आयोजित आमसभा में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली. गौरतलब है कि खैरागढ़ उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार विधानसभा क्षेत्र के सभी विकासखंडों के बड़े कस्बों में पहुंचकर आम सभा को संबोधित कर रहे हैं इसी दौरान बुधवार को बाजार अतरिया में श्री शर्मा ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया और कहा कि हम लोग कांग्रेस के लिये मजबूती से खड़े हैं तथा कांग्रेस को जीत दिलाकर खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को जिला बनायेंगे. इस दौरान उन्होंने केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के किसानों के लिये कर्ज लेने वाले बयान पर हेमंत शर्मा ने पलटवार करते हुये कहा कि जिस तरह से किसानों के हित में कांग्रेस ने बेहतरीन काम किया है भाजपा को नैतिक रूप से इसके विरोध में केवल वोट बंैंक की राजनीति करने के लिये कुछ भी नहीं कहना चाहिये. बता दे कि श्री शर्मा भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार रहे हैं. छुईखदान अंचल से वे दो बार जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुये वहीं संघ व भाजपा की राजनीति में सक्रिय रहते हुये उन्होंने लगभग 40 वर्षों तक संगठनात्मक गतिविधियों को अंजाम दिया है. भाजपा ने 1995 के पहले उपचुनाव में देवव्रत सिंह के विरूद्ध उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया था. श्री शर्मा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व मुख्यमंत्री रहे डॉ.रमन सिंह के भी करीबियों के रूप में जाने जाते रहे हैं लेकिन रमन सरकार में ही वे भाजपा में सबसे ज् यादा उपेक्षित व निष्कासित रहे हैं और डॉ.रमन सिंह के रिश्तेदारों सहित भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल से उनके वैचारिक मतभेद खुलकर सामने आते रहे हैं. कहा जा रहा है कि उपचुनाव में श्री शर्मा के रूप में भाजपा के बड़े चेहरे का कांग्रेस प्रवेश भाजपा की चुनावी समस्याओं को बढ़ा सकता है.



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