यह कैसा देश था ! अब यह कैसा देश है ! के. आर. शाह

 यह कैसा देश था !  अब यह कैसा देश है ! के. आर. शाह 

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      यह कैसा देश है जहां 40 दिनों के बाद भी हाहाकार करती जनता को सरकार आक्सीजन नही दे पा रही है।मोदी है तो मुमकिन है कहने वाली सरकार और उसका सारा तँत्र मिलकर भी ना तो बिस्तर दे पाया, ना ही सूकून से मरने के लिए दो गज जमीन। यह कैसा देश है जहां पूरी जनता जीवन मृत्यु से जँग लड रही हो और वहां जीवनरक्षक सभी साम्रगियों की कालाबाजारी विश्व रिकार्ड बना रही है और सरकार मौन है।



      यह कैसा देश है जहां के लोग खुशहाल जीवन के लिए दिन रात भगवान की शरण मे रहते है और अपने खून पसीने की कमाई  भगवान के मँदिर मे चढाते है, इसके बावजूद जब उन्हीं करोड़ों भक्तों पर जान का खतरा मँडराने लगता है तब मँदिर अपने कपाट भी बँद कर लेता है और खरबो डालर की तिजोरी भी सील कर देता है। अरे भगवान जी, आपके पास जो अरबों खरबों की अकूत धन सँपदा है वह भक्तों की ही तो है। यदि इसमें से चार आना भी इस महासँकट की घडी मे आप या आपके प्रतिनिधि खर्च कर दें तो पूरा हिन्दुस्तान कोरोना की वाचाल महामारी से ना सिर्फ बच जायेगा, बल्कि आने वाली तीसरी लहर से भी आपके आशीर्वाद से लड लेगा ।लेकिन मै जानता हूँ कि आपके लाख चाहने के बाद भी आपकी प्राण प्रतिष्ठा करनेवाले प्रतिनिधि मंडल के कमँडलधारी ऐसा नही करेंगे और ना किसी को करने देगें।काश आपके अँधभक्त  समझ जाय।

       यह कैसा देश है जहाँ मँदिर बनाने, मुर्तिया लगाने के लिए हिन्सा, आगजनी, तोडफोड़, खून खराबा व हत्याकांड हो जाते है, लेकिन हर गांव में एक अच्छा सा अस्पताल हो,डाक्टर हो,नर्स हो,दवाइयां हो और एक शानदार स्कूल भी हो,इसके लिए यहाँ लोग क्यों नहीं लडते मरते ? महामारी को समय पर रोकने या उससे लडने मे भारत सरकार और राज्य सरकारें थोडा सफल व ज्यादा असफल रही लेकिन अब तो सुधर जाना ही मानवहित तथा देशहित मे सबका राष्ट्रीय कर्तव्य होना चाहिये।

       देश की जनता भयाक्रांत है।ग्रामीण भारत जहाँ भारत बसता है वहां कोरोना महामारी व टीकाकरण पर अफवाहों का बाजार चरम पर है। इस महामारी से बचने व लडने का अभी एक ही उपाय है कि तेज गति से पूरे देश का वेक्सीनेशन किया जाय और जीवन बचाने के लिए राष्ट्र का सारा सँशाधन लगाया जाय। प्रधानमंत्री जी,आपसे चूक हो सकती है लेकिन आप हारे नही है और आप हार भी नही सकते।आप 130 करोड़ भारतवासियों के प्रधानमंत्री है और सारा देश आपके पीछे खडा हो जायेगा, बस जरूरत है कि आप भी राजनीति से उपर उठकर देश को आवाज तो दिजिये।

       अब आप अपने मन की बात करना बँद कर दे। अब समय आ गया है कि देश का प्रधानमंत्री  देश की बात करें। देश की जनता डरी हुई है।आधी से अधिक आबादी आर्थिक सँकट से जूझ रही है, ऐसे समय मे आपको पूरी कमाँड अपने हाथ मे लेकर देश के सभी मुख्यमंत्त्रियो, सभी साँसदो,सभी विधायकों, सभी मँत्रियो को अपने अपने लावलश्कर के साथ जमीन पर उतरने का आदेश देना चाहिए। जैसे ही आप व राज्य की सरकारें कोरोना महामारी के खिलाफ जँग के मैदान में उतरेंगी, उसी समय से बुझी व दुखी जनता का हौसला बुलँदी पर आ जायेगा। अस्पतालों मे निराश डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ मे जान आ जायेगी। इसका सबसे बडा सीधा  फायदा अवाम को यह होगा कि एक ही झटके में सारा सिस्टम काम करने लगेगा और चौतरफा कालाबाजारी, जमाखोरी, घूसखोरी व भ्रष्टाचार दम तोड़ देगा।

        इसी के साथ देश की जनता को भी चाहिए कि वह मूकदर्शक व मूकबधिर बनकर ना रहे। सरकार मालिक नही होती। सरकार जनता के द्वारा जनता के लिए चूनी जाती हैं। जब मकान मालिक स्वयं किरायेदार  जैसा आचरण करने लगता है तो किरायेदार फिर उसकी परवाह नहीं करता। जागो भारत जागो..............


       के.आर.शाह

संपादक, आदिवासी सत्ता

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