*संस्कृति को बचाये रखना है,तो अपनी भाषा का ज्ञान रखना जरूरी है-मंत्री अमरजीत भगत*
रायपुर - धुमकुड़िया उरांव आदिवासी युवा संगठन छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, समाज सेवक स्टेनी तिर्की की अध्यक्षता और उरांव समाज के
अजय कुजूर, आशिका कुजूर, वाल्टर कुजूर, कोरनेलुश बड़ा, ब्लासियुस एक्का, बसंत तिर्की, जूलीयस केरकेट्टा, अमित मिंज, विमल मिंज, कोसमोस टोप्पो, आदित्य टोप्पो, शुसीला तिग्गा, अर्चना एक्का, सुशील तिर्की, ओलीभा खलखो, ऋषिभा खलखो एवं समाज के गणमान्य लोगों की उपस्थिति में कुड़ुख स्पोकन क्लास का उद्घाटन किया गया.
समारोह में उरांव समाज को सम्बोधित करते हुए मंत्री भगत ने कहा कि हमारी भाषा हमारी संस्कृति की पहचान है. समय के साथ साथ यह विलुप्त होते जा रही है. धूमकुड़िया के युवाओं के द्वारा कुड़ुख स्पोकन क्लास शुरू किया जाना बहुत ही सराहनीय है. इससे आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति और भाषा का ज्ञान तो मिलेगा ही साथ ही समाज को मजबूती भी मिलेगी. मंत्री भगत ने धूमकुड़िया के साथियों को अस्वासन दिया कि संस्कृति मंत्री होने के नाते हर सम्भव प्रयास रहेगा विभाग से सहयोग प्रदान करने के लिये. उरांव समाज से आह्वान किया कि अपनी संस्कृति को बचाये रखने और आने वाली पीढ़ी तक स्थानांतरित करने के लिए हमेशा संघर्ष करें.
धुमकुड़िया के प्रदेश संयोजक मनीष टोप्पो ने धुमकुड़िया के बारे में बताया कि किस तरह से उरांव युवाओं के समूह की शुरवात हुई और इसका उद्देश्य क्या है. धुमकुड़िया विशेष रूप से समाज को संगठित करने और युवाओं को अपनी संस्कृति एवं परंपरा को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने का काम कर रही है. प्रारंभिक स्तर पर भाषा का ज्ञान बहुत जरुरी है इसलिए कुड़ुख स्पोकन क्लास की शुरुआत की गई है. प्रारम्भ में यह क्लास रायपुर में शुरू की गई है इसके बाद प्रदेश के हर जिले में भी शुरवात की जाएगी.
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