साफ और स्वच्छ अंतःकरण से मिलता है कथा का सार - तुलसीराम साहू
रामकथा को जन जन तक पहुंचा रहा मातृ मानस परिवार
ख़ैरागढ़ :-श्रावण महोत्सव के दूसरे दिन श्री रामचरितमानस के बालकांड की संगीतमय व्याख्या करते हुए व्याख्याकार तुलसीराम साहू ने कहा कि जब जब धर्म का लोप होता है। और अधर्म का राज बढ़ता है। पृथ्वी का तारणहार बनकर प्रभु खुद धरती पर आते हैं। श्री रामचरितमानस को सुनाने और सुनने वाले दोनों का पात्र होना आवश्यक है। एक पात्र हुआ और दूसरा अपात्र तो कथा का कोई औचित्य नहीं रह जाता। यदि हमारा अंतः करण स्वच्छ और स्पष्ट नहीं है। तो कथा श्रवण करने वाला अपात्र ही है। मातृ मानस परिवार मुतेड़ा नवागांव की संगीतमय प्रस्तुति में सुखचैन वर्मा ने भजनों का शमां बांधा। तो बेंजो पर सुखनंदन सेन,तबले पर यादराम वर्मा,मंजीरे पर रामशरण निर्मलकर,ऑक्टोपेड पर मोरध्वज निर्मलकर और महेश वर्मा कोरस के साथी रहे। जन जन तक राम कथा के प्रचार की भावना के साथ मंडली का सफर जारी है।
भगवान जन्म और कर्म दोनों अलौकिक
कोई रामकथा को सुनकर शांति व वैराग्य को प्राप्त करता है। तो कोई इसी संसार में भटकता है। क्योंकि वह उस पर संशय व संदेह करता है।भगवान का जन्म व कर्म दोनों दिव्य व अलौकिक हैं। जो जल्द समझ में नहीं आते हैं।उन्हें समझने के लिए अहंकार का त्याग कर विनम्रता से आना चाहिए। डोंगरगढ़ निवासी रमेंद्र सिंह चालुक्य की स्मृति में आयोजित दूसरे दिन की कथा में श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर में अपनी उपस्थिति को सुखद बताते हुए तुलसी राम साहू ने कहा कि सिद्ध स्थल पर आकर कथा रस सुनाने का अवसर सुखद है।
कलमकारों का किया सम्मान
दूसरे दिन मंदिर की ख्याति को जन जन तक पहुंचाने कलमकारों का आगमन हुआ। ट्रस्ट समिति के सदस्यों ने पत्रकार संघ अध्यक्ष व नवभारत संवाददाता अनुराग तुरे ,प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष व अमृत संदेश संवाददाता जीवेश शर्मा,पत्रकार यूनियन अध्यक्ष नीलेश यादव ,श्रमजीवी पत्रकार संघ अध्यक्ष आलोक श्रीवास,वरिष्ठ पत्रकार राजू यदु,INH संवाददाता प्रदीप बोरकर,नई दुनिया संवाददाता बंटी नामदेव,जितेंद्र यादव, शिवानी परिहार,नितिन भोंडेकर,प्रशांत सहारे,विनोद वर्मा,विमल बोरकर,हर्ष रामटेके सहित अन्य को सम्मानित कर आभार जताया।
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