चल हो- जा- गा तैयार, मोर भाई, तैं किसनहा, चल हो- जा- गा तैयार आगे हरेली तिहार:यशवंत यादव

 

                            यशवंत सिंह यादव

आगे हरेली के तिहार

चल हो- जा- गा तैयार, मोर भाई, तैं किसनहा, चल हो- जा- गा तैयार

      आगे हरेली तिहार,

सॉहडा देव के पूजा करके, गाय गरुवा ला लोंदी खवाबोन जी

   चल हरयली ला मनाबोन जी ....

चल- हो- गा.... तैयार.... के तिहार...


चल नांगर- बखार ला निकाल मोर संगी, अऊरे किसानी के औजार जी!

सुघ्घर ओला धोबो मंजबोन, करबोन पूजा-पाठ जी!!

     चल हरयली ला मनाबोन जी....


पान-सुपारी, ध्वजा-नरियल, चंदन-बंदन, गुंगुरधुप जी!

चिला-रोटी संग मा गा संगी, ठेठरी-खुरमी चघबोन जी!!

   चल हरयली ला मनाबोन जी.....


चल- हो- जा.... तैयार! आगे हरेली के तिहार.....


कोसरिया यादव हा घर-घर लिम डारा खोंचे, लइका मन खपावाये गेंढी जी!

चेलिक-मोटयरिन मन रैनिभॉठा मा, छेडे माया के मिठ बोली जी!!

    चल हरयली ला मनाबोन जी....


मंदर-मृदंग के ताल मा संगी, कर्मा-ददारिया ला गोहराए जी!

सॉवन में मंजूर हा थिरकण लागे, हरयली ला मनाए जी!!


    चल हरयली ला मनाबोन जी....

चल- हो- जा.... तैयार! आगे हरेली के तिहार......



यशवंत सिंह यादव

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