शहर का यह आलम, गावों में हाल ऐसा ! हमे समझना जरूरी है .... सभापति

 शहर का यह आलम, गावों में हाल ऐसा ! हमे समझना जरूरी है .... सभापति 



शहरों में वैक्सीन लगवाने की होड़ लगी है, लोग रात 4 बजे से लाइन लगवा रहे है टीका लगाने के लिए और एक ग्रामीण क्षेत्र जहां बड़े बड़े अधिकारी के लाख मिन्नतों के बाद वैक्सीन नही लगवा रहे, कितनी विकट स्थिति है। एक तरफ बीमारी से लोग बेवजह काल कलवित हो रहे है फिर भी वैक्सीन से दूरी बना रहे, किसी को  बुखार आने डर सता रहा है किसी को कुछ और, सोचो आप बुखार से डर रहे है और आप अपने बच्चे को कितने टीका लगवाए और कितना बुखार सह लिया होगा । लेकिन अब बड़ों को बुखार का डर मौत से ज्यादा सता रहा है, कोरोना का टीका आपको गंभीर स्थिति में जाने से रोकता है।  टीका लगने के बाद कई लोगो को संक्रमण हुआ लेकिन थोड़ी सतर्कता बरतें तो गंभीर स्थिति में नही जाएंगे।


 इसके विपरित जिनको वैक्सीन नही लगे उनको काफी गंभीर संक्रमण से गुजरना पड़ा । कुछ लोगो के साथ अनहोनी भी हुआ। कुछ लोगो में  टीका से दुष्प्रभाव संबंधित प्रकरण देखे गए जिनकी संख्या बहुत नगण्य है ।  जिनको लेकर बहुत अफवाह व भय का माहौल बना हुआ है जो की पूर्णतया गलत है। उदाहरण के लिए किसी गांव में अगर ४०० लोगो को टीका लगा और किसी कारणवश ३ लोगो को ज्यादा बुखार या अन्य दुष्प्रभाव देखने को मिला इसका मतलब ये तो नही की उन तीन के कारण बाकी ३९७ लोग अपनी टीका न लगवाकर अपनी जान जोखिम डाले । आखिर टीके की एक वायल में १० लोगो को वैक्सिन लगता है अगर टीका में गड़बड़ी होता तो १० को लोगो को भी दिक्कत होना था लेकिन नही हुआ अब कैसे समझ बैठे की  टीका में गड़बड़ी है। शासन का मंशा किसी को तकलीफ देने की नही, विपरित परिस्थिति में आपका साथ खड़ा है समझना आपको है अन्यथा लॉकडॉउन जैसे समस्या का सामना करते रहेंगे । बड़े बड़े देश आज वैक्सीन लगा कर ही बीमारी पर विजय हासिल कर रहे हैं । जनहित व राष्ट्रहित में सभी लोग शासन का सहयोग करे, अपना खुद वैक्सीन लगवाए व अन्य को भी इस  हेतु प्रेरित करे । 


पढ़ने हेतु धन्यवाद, प्रसार करें। 


विप्लव साहू, सभापति, सहकारिता और उद्योग समिति, जिला पंचायत राजनांदगांव छ. ग.

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